अंजुमन तरक्की ए उर्दू जहानाबाद के तत्वावधान में उर्दू बेदारी कांफ्रेंस का आयोजन

जहानाबाद से ब्यूरो चीफ दीपक शर्मा

जहानाबाद के तत्वावधान में स्थानीय ताज रेस्ट हाउस में उर्दू बेदारी कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कांफ्रेंस की अध्यक्षता कर रहे अंजुमन के राज्य सचिव अब्दुल कय्यूम अंसारी ने कहा कि बिहार सरकार उर्दू के विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में उर्दू शिक्षकों की बहाली उसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि अभी फेज वन एवं टू में लगभग 10 हजार उर्दू शिक्षकों की बहाली हुई है।

अब्दुल कय्यूम अंसारी ने कहा कि लगभग सभी सरकारी कार्यालयों में उर्दू में भी नेम प्लेट लगाया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उर्दू अनुवादक सभी जिला, अनुमंडल और प्रखंडों में बहाल हैं, उर्दू भाषी लोग उर्दू में अपने आवेदन दें। उन्होंने कहा कि उर्दू हमारी सभ्यता एवं संस्कृति की पहचान है। उर्दू का विकास तभी संभव है जब आप अपने घरों में इसका प्रयोग करें एवं नई पीढ़ी को दुसरी भारतीय भाषा के साथ साथ उर्दू पढ़ने के लिए प्रेरित करें।
इस अवसर पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी गुलाब हुसैन एवं जहानाबाद के बी एल ओ शमश जावेद ने अपने संबोधन में उर्दू की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उर्दू भाषा में मिठास ही लोगों अपनी तरफ आकर्षित करता है। आज उर्दू का चलन आम है। इसका प्रयोग हर जगह किया जा रहा है।


इस अवसर पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी राजीव रंजन ने कहा कि उर्दू के विकास के लिए उर्दू भाषा कोषांग जिला में स्थापित है, जो हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि जिला से प्रखंड स्तर पर उर्दू अनुवादक बहाल हैं परन्तु उर्दू में आवेदन न के बराबर आती हैं। उन्होंने कहा कि उर्दू भाषी लोगों को उर्दू भाषा में आवेदन करनी चाहिए। इस अवसर पर अंजुमन तरक्की ए उर्दू जहानाबाद के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार संतोष श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव मो नसीम जैदी, प्रोफेसर अली सालिम, कायनात फाउंडेशन के चेयरमैन शकील अहमद काकवी,मो शकील अहमद समेत आधा दर्जन उर्दू शिक्षाविदों ने कांफ्रेंस को संबोधित किया।


इससे पहले अतिथियों को अंगवस्त्र एवं गुलदस्ता भेंट कर सम्मानित किया गया। अंजुमन तरक्की ए उर्दू बिहार के द्वारा जिला के विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य के लिए शाल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। जिन गणमान्य लोगों को सम्मानित किया गया उनमें लतीफ शमशी अंजुम काकवी, मौलाना कारी शोहरत कासमी, सैयद शमीम उद्दीन उर्दू शामो मुखिया, पूर्व मुखिया सईदा अहमद, मास्टर रफीक अहमद जमाली, मास्टर जियाउद्दीन अहमद, सैयद मेराज अहमद सुड्डु, प्रधानाध्यापक जितेन्द्र सिंह, प्रोफेसर अली सालिम, हसनैन दिवाना, सैयद ताबिश इमाम, मुजफ्फर इमाम मुन्ना, मौलाना आसिफ रजा नईमी, मास्टर रेयाज उद्दीन, जमील अख्तर सुप्पन मुखिया, हाफिज दानिश रजा फैजी, तारिक फतह के नाम शामिल हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत हाफिज व कारी असद रशीदी के तिलावते कुरआन एवं मो साकिब रजा की नातखानी से हुआ। कार्यक्रम का संचालन अंजुमन तरक्की ए उर्दू जहानाबाद के सचिव प्रो गुलाम अस्दक ने की जबकि अंजुमन के अध्यक्ष प्रधानाध्यापक हाफिज मोहम्मद जमील अख्तर के धन्यवाद ज्ञापन के बाद सभा समाप्त की गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षाविद, समाजसेवी एवं उर्दू भाषी लोग उपस्थित थे।

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