Patna ,बिहार में दो चरण के चुनाव संपन्न हो चुके हैं. अब सभी राजनीतिक दल तीसरे चरण के चुनाव में अपनी ताकत लगा रहे हैं. इस बार बिहार में 2019 वाली स्थिति नहीं दिख रही. सीटिंग सांसदों को लेकर आम जनता में भारी नाराजगी है. जेडीयू-भाजपा के उम्मीदवारों को वोटरों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है. मतदाताओं की भारी नाराजगी से नेतृत्व खासा परेशान और चिंतित है. अधिकांश सीटिंग सांसदों पर क्षेत्र में नहीं आने,काम नहीं करने के सामान्य आरोप लग रहे हैं. लेकिन इनमें से एक ऐसे सीटिंग सांसद हैं, जिन्हें जेडीयू ने
फिर से चुनावी मैदान में उतारा है. उन पर और उनके माध्यम से भाजपा सहयोगी दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह मुख्यमंत्री को कटघरे में खड़ी कर चुकी है. मामला करोड़ों के टेंडर में गड़बड़ी करने का है.
जहानाबाद के वोटर सवाल पूछने को तैयार बैठे हैं….
जेडीयू ने अपने सीटिंग सांसद चंदेश्वर चंद्रवंशी को एक बार फिर से जहानाबाद से चुनावी मैदान में उतारा है. भाजपा जेडीयू सांसद चंदेश्वर चंद्रवंशी के बेटे बहू की कंपनी को 1600 करोड़ का एंबुलेंस टेंडर देने का मामला जोर-शोर से उठा चुकी है. इस बहाने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर सीएम नीतीश को भी कटघरे में खड़ी कर चुकी है. ऐसे में जहानाबाद में भाजपा के बड़े नेताओं के लिए एक तरफ कुआँ है तो दूसरी तरफ खाई ।
भाजपा के कार्यकर्ता भी अभी तक जेडीयू कैंडिडेट के साथ बढ़-चढ़कर खड़े नहीं दिख रहे. यक्ष प्रश्न यही है कि भाजपा के बड़े नेता किस मुंह से जहानाबाद के जेडीयू कैंडिडेट चंदेश्वर चंद्रवंशी के पक्ष में वोट मांगेंगे..क्यों कि यही लोग जेडीयू सांसद के बेटे-बहू की कंपनी को गलत तरीके से 1600 करोड़ का एँबुलेंस टेंडर देने का चीख-चीख कर आरोप लगा रहे थे. जहानाबाद में यह मुद्दा इस बार गरम है. वोटर भाजपा नेताओं से भी सवाल पूछने को तैयार बैठे हैं…क्या साथ आने से जेडीयू कैंडिडेट के दाग धूल गए…. भाजपा नेताओं का 1600 करोड़ के एँबुलेंस टेंडर घोटाले पर अब क्या कहना है ? ये तमाम सवाल जेडीयू सांसद के साथ-साथ प्रचार में आने वाले भाजपा नेताओं से भी पूछे जाएंगे.
खासकर तब के विस में विपक्ष के नेता विजय सिन्हा और विप में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी से. जो अब सरकार में डिप्टी सीएम हैं . स्वास्थ्य विभाग संभालने वाले बीजेपी कोटे के मंत्री मंगल पांडेय को भी इस सवाल से जूझना होगा.