Lord shiva as a tribal: बजरंग बली हो या फिर सृष्टि के रचियता भगवान शंकर इनकी इनकी ‘जाति’ को लेकर बिहार के नेताओं के बयान सुने होंगे। वैसा ही कुछ हाल चुनावी साल से गुजर रहे मध्य प्रदेश में भी है।
अब राम भक्त हनुमान के बाद अब भोलेनाथ भी आदिवासी बन गए हैं।यह दावा सिवनी जिले के बरघाट विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक अर्जुन सिंह काकोड़िया ने किया हैं। आदिवासी बाहुल्य अपने क्षेत्र के एक कार्यक्रम में खुले मंच से उन्होंने भगवान शंकर को आदिवासी बताया।
इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा हैं।वायरल वीडियो में सफेद धोती कुर्ता पहने और सिर पर पीला गमछा बांधे विधायक काकोड़िया में कहते नजर आ रहे है कि ‘जब समुद्र मंथन हुआ तो उसमें से अमृत भी निकला और विष भी।
अमृत तो होशियार लोगों ने पी लिया, लेकिन जहर बच गया तो उस जहर का क्या करें? उस जहर को हिमालय में बैठे भोले-भंडारी ने पिया।काकोड़िया ने मंच के सामने बैठे आदिवासियों से सवाल किया और जबाव भी दिया।
उन्होंने कहा कि भोले-भंडारी किसको कहते है? भोले भंडारी आदिवासी को ही कहते हैं। इस जहर को पीकर आदिवासी ने ही इस संसार को जीवन दान दिया हैं। वही हमारा वैभवशाली समाज है। जिससे बाकी सभी की उत्पप्ति हुई।
इसलिए हम सभी का सम्मान करते हैं।आपको बता दें भगवान शंकर को आदिवासी बताने फिर बाकी लोगों की उत्पत्ति भी इसी समाज से होने का दावा करने वाले इन्ही विधायक महोदय ने कुछ समय पहले बजरंग बली को भी ‘आदिवासी’ बताया था।
उस वक्त कहा था कि बजरंगबली जंगल में रहते थे और जंगल आदिवासियों का ही ठिकाना था। इसलिए हनुमानजी आदिवासी हैं। अब भगवान शंकर की एंट्री हुई हैं और उनका इस बयान का वायरल हो रहा वीडियो सुर्खियाँ बटोर रहा हैं। यूजर्स तरह-तरह के कमेंट्स भी कर रहे।
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