जहानाबाद जिले में दो दिन पूर्व एनएच-33 के किनारे एक युवक की लाश फेंका हुआ मिला था। शव मिलने की बात जंगल में आग की तरह फैल गयी। जिसके बाद शव की पहचान करने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लेकिन शव की शिनाख्त नहीं हो पाई थी। लेकिन यह शव किसी और का नहीं, बल्कि गुजरात के एक व्यवसायी का निकला।

जिसे साइबर ठगों ने व्यवसायी को फोन करके पटना बुलाया था। फिर पटना एयरपोर्ट से अपहरण कर दो दिन तक नालंदा के हिलसा में बंधक बनाए रखा। जब ठगों को कोई फायदा नहीं हुआ, तो बेरहमी से
हत्या कर शव को जहानाबाद में फेंक दिया। अब पटना, नालंदा और जहानाबाद पुलिस मिलकर इस हाई-प्रोफाइल मर्डर केस की जांच में जुटी है।
स्थानीय घोसी थाने की पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और उसे पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया। लेकिन आज उस शव की पहचान संभव हो
पाई। शव की पहचान होते ही चौंकाने वाला मामला सामने आया। 12 अप्रैल को घोसी थाना क्षेत्र के झुमकी गांव एवं मननपुर गांव के बीच में सड़क किनारे एन एच
33 पर जो अज्ञात शव फेंका हुआ मिला था वह गुजरात के एक बड़े व्यवसायी का था।
पूर्व उसकी लाश मिलने से इलाके में सनसनी फैल गयी। लेकिन शव बरामद होने के बाद थाने में अभी तक किसी भी तरह का कोई भी केस दर्ज नहीं किया गया है। जो पुलिस के कार्यशैली पर बड़ा सवाल है।