बिहार में सूखे की आहट है। यहां सामान्य से 45 फीसदी कम वर्षा हुई है। जबकि धान की रोपनी मात्र 49 फीसदी हुई है। जुलाई खत्म होने के कगार पर है। उधर मौसम विभाग ने अगस्त महीन मे बारिश का पूर्वानुमान किया है। कृषि मंत्री सर्वजीत ने बताया है कि स्थिति अच्छी नहीं है। जलवायु परिवर्तन की वजह से यह हालात हुए हैं।
उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण जलवायु परिवर्तन की स्थितियां सामने आई है। कृषि मंत्री ने कहा है कि इस बार भी समय से पर्याप्त मात्रा में वर्षा नहीं हो पाने के कारण सुखे जैसी
स्थिति उत्पन्न हो गयी है।
इसके कारण किसानों के सामने समस्या उत्पन्न हो रही है। अभी तक सामान्य रूप से 442.3 मिलीमीटर वर्षा होनी चाहिए थी, लेकिन, मात्र 242.2 मिली मीटर ही वर्षा हो पायी है। यानि सामान्य से 45 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। कम पानी होने से धान की रोपनी प्रभावित हुई है। इस वर्ष धान का आच्छादन 35,97,595 हेक्टेयर में किया जाना है,
लेकिन 17,69,688 हेक्टेयर धान की रोपनी हुई है। जो लक्ष्य का मात्र 49.19 प्रतिशत है।
12 घंटे दी जा रही बिजली
इसी प्रकार इस वर्ष मक्का का आच्छादन लक्ष्य 3,31,367 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है। जिसके एवज में अभी तक 273087.42 हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का की बुआई की गई है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष इस अवधि तक 30 प्रतिशत धान की रोपनी एवं 33.7 प्रतिशत मक्के की बुआई हुई थी।
मंत्री सर्वजीत ने कहा कि इस स्थिति में लगे हुए धान के बिचड़ों एवं रोपे गये धान तथा मक्का आदि की फसल को सूखे से बचाने तथा खाली पड़े खेतों में धान की रोपनी हो पाये। इसके लिए हमारी सरकार ने डीजल अनुदान देने का निर्णय लिया है। वैसे तो हमारी सरकार द्वारा डेडिकेटेड एग्रीकल्चर फीडर के माध्यम से पहले से ही किसानों को खेती के लिए 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली की आपूर्ति की जा रही है। कृषि फिडर से 12 घंटे बिजली दी जा रही है।
इसके अलावे सरकार ने डीजल पर भी अनुदान देने का निर्णय लिया है, जिसके लिए आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गयी है। अभी तक डीजल अनुदान के लिए कुल 13,901 किसानों का आवेदन विभाग को प्राप्त हो चुका है। उन्होंने बताया है कि डीजल पम्पसेट से सिंचाई करने के लिए डीजल पर 75 रुपये प्रति लीटर की दर से 750 रुपये प्रति एकड़ प्रति सिंचाई डीजल अनुदान दिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि धान का बिचड़ा एवं जूट फसल की अधिकतम 2 सिंचाई के लिए 1,500 रुपये प्रति एकड़ देय होगा। खड़ी फसल में धान, मक्का एवं अन्य खरीफ फसलों के अंतर्गत दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगन्धित पौधे की अधिकतम 3 सिंचाई के लिए 2,250 रुपये प्रति एकड़ देय होगा। यह अनुदान प्रति किसान अधिकतम 8 एकड़ सिंचाई के लिए देय होगा। कुल पांच सिंचाई के लिए 3,750 रुपये प्रति एकड़ प्रति किसान देय होगा, यानि एक किसान को कुल मिलाकर 30 हजार रुपये तक की सहायता उपलब्ध करायी जा सकेगी। यह अनुदान सभी प्रकार के किसानों को दिया जायेगा।
डीजल अनुदान के लिए क्या करना होगा
किसानो को अनुदान की राशि पंचायत क्षेत्र के किसानों के अतिरिक्त नगर निकाय क्षेत्र के किसानों को भी दिया जायेगा। इस योजना का लाभ कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल में आनलाइन पंजीकृत किसानों को ही दिया जायेगा। परिवार के किसी एक सदस्य को ही डीजल अनुदान का लाभ दिया जायेगा। जिलों में डीजल अनुदान वितरण की आवश्यकता का आकलन सम्बन्धित जिला पदाधिकारी द्वारा कृषि टास्क फोर्स की बैठक में करने के पश्चात आवश्यकता के अनुरूप डीजल अनुदान वितरण का निर्णय लिया जा सकेगा।