जाति आधारित गणना पर हाईकोर्ट की मुहर से बीजेपी की राजनीति षड्यंत्र पर्दाफाश:–गोपाल शर्मा।

जहानाबाद से दीपक शर्मा

जहानाबाद जिला जदयू कार्यालय में जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा,प्रवक्ता अमित कुमार पम्मु, मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा ने राज्य में जाति आधारित गणना को लेकर पटना हाईकोर्ट की मुहर को लेकर न्यायालय का धन्यवाद किया और इस मामले में बीजेपी की नकारात्मक राजनीति पर जमकर सवाल उठाए। जिला अध्यक्ष ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले से बीजेपी की कुत्सित राजनीति का पर्दाफाश हो गया। उन्होंने ने कहा कि जाति आधारित गणना को रुकवाने को लेकर बीजेपी ने छद्म तरीके से ‘यूथ फॉर इक्वालिटी’ की मदद ली और कोर्ट में याचिका डलवाकर उसे रुकवाने की कोशिश की। प्रवक्ता अमित कुमार पम्मु ने कहा कि राज्य में आबादी के हिसाब से लोगों के लिए योजना बनाने के मकसद से आदरणीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने जाति आधारित गणना कराने का फैसला लिया था। जिला प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इसको लेकर 500 करोड़ रुपए भी आवंटित किए थे लेकिन बीजेपी ने ‘यूथ फॉर इक्वालिटी’ की आड़ लेकर कोर्ट में याचिका डलवाकर इसे रुकवाने का काम किया। जिला प्रवक्ता ने कहा कि हरेक दस साल पर ‘सोशियो इकॉनोमिक कास्ट सेंसस’ कराने का प्रावधान है लेकिन केंद्र की बीजेपी सरकार ने बीमारी की बात कहकर ये सेंसस नहीं कराया। उन्होंने कहा कि अगर ‘एसईसीसी’ समय पर नहीं कराया जाएगा तो ऐसे में लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाएं कैसे बनायी जाएंगी?
जद(यू) जिला प्रवक्ता ने कहा कि जब राज्य सरकार ने जाति आधारित गणना को कराने का काम शुरु किया तो बीजेपी ने परोक्ष रुप से इसमें खलल डालने की कोशिश की और अपनी आनुशांगिक संस्था ‘यूथ फॉर इक्वालिटी’ संस्था की मदद से कोर्ट में याचिका दायर कर दी। उन्होंने कहा कि आखिरकार हाईकोर्ट ने बीजेपी की मंशा पर पानी फेर दिया और फैसले में जो बातें लिखी हैं। वो बीजेपी की आंखे खोलने वाली हैं। मीडिया को संबोधित करने के दौरान प्रवक्ताओं ने कोर्ट के फैसले की पांच बातों का विशेष तौर पर उल्लेख किया:–
1.हमें राज्य की कार्रवाई पूरी तरह से मान्य, उचित उद्देश्य के साथ, उचित क्षमता के साथ शुरू किया गया लगता है।
2.यह सर्वे ‘न्याय के साथ विकास’ प्रदान करने का वैध उद्देश्य से शुरू किया गया है।

  1. यह सर्वे आनुपातिकता की परीक्षा उत्तीर्ण किया। जैसा कि दोनों सदनों के अभिभाषण और वास्तविक सर्वेक्षण में घोषित किया गया है।
  2. यह सर्वे में व्यक्ति की निजता के अधिकारों का उल्लंघन नहीं किया गया है।
  3. यह सर्वे ‘ जनता’ को आगे बढ़ाने में और वास्तव में ‘वैध राज्य हित’ में है। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले से अब राज्य में जाति आधारित गणना करायी जा सकेगी और गरीबों के हित में योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।इस प्रेस वार्ता में कमलेश कुमार वर्मा,जिला प्रवक्ता अमित कुमार पम्मु, जुदागी मांझी,गुलाम मुर्तजा अंसारी,प्रखंड अध्यक्ष रणधीर पटेल,राजू पटेल,मुरारी यादव, मधेश्वर प्रसाद,राजेश मालाकार, उमेश बिंद उपस्थित

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