जहानाबाद जिले के निवासी जाने माने पत्रकार अरुण केसरी की निधन से पत्रकारिता जगत की अपूर्णनीय क्षति।

वरिष्ठ पत्रकार की निधन की सूचना पर छाई मायूसी।

जहानाबाद (बिहार) से ब्यूरो चीफ , दीपक शर्मा

जहानाबाद – देश के जाने-माने पत्रकार और जहानाबाद जिले के लाल अरुण केसरी इस दुनिया को अलविदा कह गए। दिल्ली के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांसें ली। वे 70 वर्ष के थे। हिंदुस्तान समाचार से 80 के दशक में पत्रकारिता का कैरियर शुरू करने वाले अरुण केसरी ने करीब चार दशक तक एक पत्रकार के रूप में देश की सेवा की। उन्होंने 1980 में यूएनआई वार्ता ज्वाइन किया। इस दौरान वे दो बार पटना यूएनआई के ब्यूरो चीफ (स्थानीय संपादक) रहे। 1991 में उनका स्थानांतरण यूएनआई दिल्ली में हो गया। दिल्ली में उन्होंने ज्यादा समय कांग्रेस की रिपोर्टिंग में अपनी सेवा दी। तब से वह वॉलंटरी रिटायरमेंट लेने तक यूएनआई में ही विभिन्न पदों पर अपनी सेवा दी। इस दौरान वह देश के विभिन्न प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के विदेशी सम्मिट और दौरे के दौरान यूएनआई की तरफ से विदेश से विभिन्न प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के लिए रिपोर्टिंग की और समीक्षा लिखें। इनमे आर के गुजराल, देवगौड़ा, अटल बिहारी वाजपेई, मनमोहन सिंह, आरके नारायण शंकर दयाल शर्मा और प्रतिभा पाटिल जैसे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति शामिल थे। यूएनआई में रहते हुए उन्हें वर्ष 2007 में यूएनआई वार्ता का चीफ न्यूज़ एडिटर बनाया गया। उन्होंने वर्ष 2013 में यूएनआई वार्ता से वॉलंटरी रिटायरमेंट ले लिया। इसके बाद वे स्वतंत्र पत्रकार के रूप में विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में आलेख और समीक्षा लिखने लगे। साधारण रहन-सहन और लेखनी के मजबूत अरुण केसरी दिल्ली और देश के पत्रकारिता जगत में 30 वर्षों तक एक जाना माना चेहरा बने रहे। दिल्ली प्रेस क्लब पर भी उनकी अच्छी पकड़ थी हालांकि उन्होंने कभी पद की कामना नहीं की किंतु राष्ट्रीय स्तर पर पत्रिकारिता जगत के विभिन्न चुनावों में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे जाने माने पत्रकार और हिंदुस्तान समाचार तथा रांची एक्सप्रेस के संपादक अयोध्या प्रसाद केसरी के पुत्र थे। उनका जन्म जहानाबाद शहर में ही हुआ था। उनकी मैट्रिक तक की शिक्षा जहानाबाद में ही हुई थी। उन्होंने गांधी स्मारक उच्च विद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी। इसके बाद वे पढ़ने के लिए बाहर चले गए। उन्होंने दिल्ली के पीजी डीएवी कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। वे अपने पीछे दो पुत्र और एक पुत्री का भरा पूरा परिवार छोड़कर गए हैं। उनकी पुत्री नेहा केसरी लाइव इंडिया में प्रोड्यूसर थी फिलहाल वह स्वतंत्र पत्रकारिता करती हैं और विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में आलेख लिखती हैं। उनके बड़े पुत्र स्नेह केसरी मैकेनिकल इंजीनियर है कुछ साल नौकरी करने के बाद उन्होंने अपनी एक कंपनी खोल ली है कंपनी का नाम भी उन्होंने अपने पिता के नाम पर अरुण एंड सन रखा है। यह कंपनी अंतरिक्ष अनुसंधान से संबंधित इंस्ट्रूमेंट बनती है और विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करती है। उनके छोटे पुत्र निपुण केसरी प्राइवेट कंपनी में मैनेजर हैं। पूरा परिवार दिल्ली में ही रहता है। हालांकि पारिवारिक कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए वह जहानाबाद आते रहते थे।

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