– जिले के काको प्रखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत बढ़ौना में सरकार के महत्वाकांक्षी योजना पंचायत सरकार भवन एक पुरानी करीब 200 पुरानी बरगद का पेड़ बाधक बन रहा है। हालांकि पेड़ को हटाने को लेकर ग्रामीणों द्वारा वन विभाग से भी लिखित आवेदन देकर गुहार लगाई है।चुकी पर्यावरण के दृष्टिकोण से, बिना वन विभाग के अनुमति को किसी भी वृक्ष को काटना द॑डनीय है।
यहां यह बता दें कि बिहार सरकार के निर्णय के अनुसार ग्रामीणों को सुबिधा को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी पंचायतों में, पंचायत सरकार भवन निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है,
इसी कड़ी में जिले के काको प्रखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत बढ़ौना में पंचायत सरकार भवन की स्वीकृति प्राप्त हुआ है, और कार्य भी प्रारम्भ कर दिया गया है।पल॑तु बन रहे भवन के पास एक पुरानी बरगद का पेड़ रहने के फलस्वरूप कार्य रुक गया है।
वही पंचायत सरकार भवन निर्माण स॑घर्ष समिति के बैनर तले रुके हुए कार्य को प्रारंभ करने को लेकर एक स्थानीय सरपंच युगेश कुमार के नेतृत्व में एक ग्राम सभा की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि बाधक बन रहा बरगद का पेड़ को हटाया जाए,ताकी तथा शिध्र भवन निर्माण कार्य प्रारंभ हो सके।
वही सरपंच युगेश कुमार ने बताया कि पुरानी बरगद का पेड़ को हटाने या काटने को लेकर वन विभाग को लिखित आवेदन ग्रामीणों की हस्ताक्षर युक्त आवेदन दिया जा चुका है।पर॑तु वन विभाग की लापरवाही के कारण अभी तक पेड़ को नहीं काटा जा चुका है, जिससे भवन निर्माण कार्य बाधित हैं।
वही अखिल भारतीय किसान महासभा जिला जहानाबाद के सदस्य सह ग्रामीण बृजन॑दन शर्मा ने बताया कि पंचायत सरकार भवन की स्वीकृति के पश्चात् कार्य प्रारंभ भी किया जा चुका है,पर॑तु किसी एक ब्यक्ती विशेष ने अपना स्वार्थ को लेकर कार्य को बाधित कर रखा है। जबकि बन रहा पंचायत सरकार भवन सरकारी है। वही वन विभाग द्वारा बरगद का पेड़ का मुल्य तीन लाख रुपए निर्धारित कर पेशोपेश में डाल रखा है, फलस्वरूप भवन निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया जा रहा है। उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि पंचायत सरकार भवन निर्माण कार्य को प्रारंभ कराने की मांग किया है।