संस्कृत और गुरुकुल शिक्षा प्रणाली को मैकाले शिक्षा व्यवस्था ने सबसे अधिक पहुंचाया नुकसान – जीवन कुमार

स्वतंत्रता के बाद भारत में बने सरकार को भी इसके लिए माना जिम्मेवार

संस्कृत और संस्कृति एक दूसरे के पूरक है, भारतीय संस्कृति की पहचान संस्कृत से आज भी है। विश्व के सभी भाषाओं में सबसे अधिक 3 लाख से अधिक पांडुलिपि संस्कृत में आज भी मौजूद है, जो इसके समृद्ध इतिहास की कहानी कहता है।

उपरोक्त बातें संस्कृत दिवस के अवसर पर बोलते हुए मगध प्रमंडल के शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से विधान पार्षद जीवन कुमार ने कहा। उन्होंने संस्कृत शिक्षा के क्षरण के पीछे मैकाले के शिक्षा नीति को जिम्मेदार बताया।

वहीं उन्होंने माना कि स्वतंत्रता के बाद भारत में बनी सरकार के द्वारा सही शिक्षा नीति नहीं अपनाने तथा संस्कृत सहित अन्य भारतीय भाषा के प्रति उदासीनता के कारण भी आज संस्कृत भाषा सिमट गई। उन्होंने बताया कि अंग्रेजों के भारत में शासन व्यवस्था संभालने से पूर्व यहां पर तीन लाख से अधिक गुरुकुल शिक्षा प्रणाली के विद्यालय संचालित हो रहे थे। भारतीय शिक्षा दर्शन और शिक्षण संस्थान वैश्विक स्तर के तथा उच्च कोटि के थे । यहां की शिक्षा प्रणाली भारतीय शिक्षा दर्शन के अनुरूप था लेकिन उसे ध्वस्त कर अंग्रेजी शासन ने यहां पर अंग्रेजी भाषा की प्रभावशीलता के लिए मैकाले के शिक्षा नीति को अपनाया। उन्होंने मंच से संस्कृत शिक्षा व्यवस्था के प्रति राज्य सरकार के समदर्शी सोच नहीं होने की बात को

स्वीकार करते हुए बताया कि सामान्य शिक्षा व्यवस्था की तरह संस्कृत शिक्षा व्यवस्था को भी समुचित संसाधन और सुविधा मिलनी चाहिए, इसके लिए विधान परिषद के अगले सत्र में शिक्षकों के इस आवाज को वे सदन में बुलंद करेंगे इसके लिए शिक्षकों को आश्वस्त भी किया। उन्होंने संस्कृत विद्यालयों के प्रति सरकार के असमान व्यवहार की बात स्वीकार करते हुए कहा कि इस बात का टीस उनके दिलों में भी है की भारत के सबसे प्राचीन भाषा जो हमारे संस्कृति का परिचायक है उसके उत्थान के प्रति सरकार की सोच उतनी सकारात्मक नहीं है।


इसके पूर्व जहानाबाद शहर के ठाकुरबाड़ी मुहल्ले में आयोजित विश्व संस्कृत दिवस समारोह के अवसर पर लक्ष्मी सांगवेद प्राथमिक सह माध्यमिक संस्कृत विधालय की छात्राओं ने भावपूर्ण स्वागत गान प्रस्तुत कर अतिथियों का मन मोह लिया। आगत विशिष्ट अतिथियों सहित , शिक्षा, कला,पत्रकारिता ओर समाजिक सेवा के क्षेत्र में पहचान रखने वाले दर्जनों लोगों को अंग वस्त्र देकर कार्यक्रम के मुख्य आयोजक डॉ. इंदु काश्यप और डॉ. एस के सुनील द्वारा सम्मानित किया गया।


कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित तथा मगध संस्कृत शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉक्टर एस के सुनील ने किया। उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि संस्कृत वेद , उपनिषद और पुराणों की भाषा है। यह विश्व की सबसे प्राचीनतम भाषा है जिससे अनेक भाषाओं का सृजन हुआ है आज इस भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए हमें आगे आने की जरूरत है। उन्होंने मांग किया कि सरकार के स्तर
पर सही नीति और नीयत के साथ संस्कृत को आम जनों की भाषा के रूप में विकसित करने का प्रयास होना चाहिए।

उन्होंने माना कि संस्कृत को संविधान के आठवीं अनुसूची में सम्मिलित तो किया गया लेकिन संस्कृत को उचित स्थान आज भी उसे नहीं मिल सका है।
कार्यक्रम में मंच संचालन आचार्य डॉ नारायण निराला एवं अनिल शर्मा ने किया। आगत अतिथियों का स्वागत में स्वागत भाषण देते हुए डॉक्टर इंदु कश्यप ने देश में लड़कियों और महिलाओं के प्रति हो रहे अत्याचार और दुराचार की घटनाओं से आहत उन्होंने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए यौनाचार और हत्या की विभत्स घटना को समाज और

शासन को कलंकित करने वाली घटना बताते हुए कहा कि बेटियों की सुरक्षा समाज की जिम्मेवारी है और जब तक हम बेटियों को स्वतंत्रता और सुरक्षा नहीं देते तब तक हम हमारा देश आगे नहीं बढ़ेगा उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में बदलाव के साथ-साथ लड़कियों को भी मानसिक रूप से सशक्त होने का आह्वान किया। कार्यक्रम में संस्कृत के महत्व उसके संरक्षण और संवर्धन विषय पर संस्कृत भाषा में अपने संभाषण देते हुए कामेश्वर सिंह संस्कृत

विश्वविद्यालय दरभंगा में संस्कृत विभाग में सहायक प्राध्यापक डॉ साधना शर्मा ने उच्च कोटि के अपने भाषण शैली से सब का मन मोह लिया। इस बीच संस्कृत के विद्वान शिक्षक और व्याख्याता भी उनके भाषण पर ताली बजाते नजर आए। कार्यक्रम में प्रागकुशाचार्य आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, हुलासगंज के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर वेंकटेश शर्मा, एवम इसी संस्थान के वर्तमान प्रभारी प्राचार्य डॉ श्रीनिवास शर्मा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम को

संबोधित करने वाले अन्य प्रमुख वक्ताओं में माध्यमिक शिक्षक संघ के बैजनाथ शर्मा, विद्यानंद शर्मा, डॉ नारायन शर्मा, डॉ रविशंकर शर्मा, राकेश कुमार, अक्षय कुमार,

पत्रकर संतोष श्रीवास्तव, पंकज कुमार हम पार्टी के डॉ वीरेंद्र कुमार सिंह हम पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पंपी शर्मा हम पार्टी के जिला अध्यक्ष मनीष कुमार जहानाबाद कॉलेज की हिंदी विभाग के प्राध्यापक रवि शंकर रीमा शर्मा विद्यालय के प्रथम अध्यापक उपेंद्र कुमार आचार्य अमरेश कुमार कौशलेंद्र आचार्यउल्लेखनीय रहे। कार्यक्रम के दौरान विधालय के छात्र छात्राओं ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान अपनी प्रस्तुति दी।

विद्यालय में स्मार्ट क्लास का भी हुआ उद्घाटन – दवा कंपनी एलकम लैबोरेट्रीज की ओर से जिले में सीएसआर फंड से कराया जा रहे हैं विभिन्न सामाजिक और शैक्षिक उन्नयन कार्यों के तहत लक्ष्मी सांगवेद संस्कृत विद्यालय में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था कंपनी के द्वारा कराया गया है । इस मौके पर कंपनी के प्रतिनिधि के रूप में पत्रकार पंकज कुमार उपस्थित रहे।

उन्होंने बताया कि जिले में आठ विद्यालयों में कंपनी की ओर से स्मार्ट क्लास की व्यवस्था की गई है। साथ ही उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि अन्य संस्कृत विद्यालयों सहित पिछड़े विद्यालयों के लिए इस तरह के संसाधन एल्कम ग्रुप ऑफ कंपनी की ओर से उपलब्ध कराये जाएंगे। स्मार्ट क्लास का उद्घाटन मुख्य अतिथि जीवन कुमार ने किया।

गायत्री परिवार की ओर से वृक्षारोपण कार्यक्रम हुआ संपन्न – संस्कृत दिवस समारोह के अवसर पर गायत्री परिवार की ओर से वृक्षारोपण कार्यक्रम लक्ष्मी सांगवेद संस्कृत विद्यालय में आयोजित किया गया जिसका उद्घाटन विधान पार्षद जीवन कुमार ने वृक्ष लगाकर किया कि मौके पर रंगेश कुमार हरि जी सहित गायत्री परिवार के कई युवा सदस्य भी मौजूद रहे।


संस्कृत दिवस समारोह के समापन कार्यक्रम के उपरांत सभी आगत अतिथियों को भोजन कराया गया। संस्कृत दिवस के प्रत्येक वर्ष नियमित आयोजन किए जाने को लेकर आगत अतिथियों ने डॉक्टर एस के सुनील को इसके लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। लोगों ने संस्कृत भाषा के संरक्षण और संवर्धन में डॉक्टर एस के सुनील और इंदु काश्यप के योगदान को काफी महत्वपूर्ण बताते हुए उन्हें इसके लिए बहुत-बहुत साधुवाद दिया। इस कार्यक्रम में रामकृष्ण परमहंस विद्यालय के डायरेक्टर डॉक्टर चंद्रभूषण कुमार प्रज्ञा भारती स्कूल के डायरेक्टर राकेश कुमार बाल विद्या मंदिर के डायरेक्टर अक्षय कुमार संत कोलंबस स्कूल के डायरेक्टर राकेश कुमार प्रोफेसर कृष्ण मुरारी चंदन कुमार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गोपाल जी अरुण जी सौरभ कुमार सहित गण मान्य लोग उपस्थित थे
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