दीपक शर्मा जहानाबाद ब्यूरो चीफ
रतनी नदियां मानव सभ्यता के लिए जीवन दायिनी होती है लेकिन अगर जीवन दाहिनी नदी को ही बर्बाद करने की कवायद शुरू कर दी जाएं तो यह नदी किनारे बस लोगों के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है
मोरह नदी शकुराबाद से गुजराती है शकूराबाद का सभी नालो का गंदा पानी सीधे नदी में गिरता है इसके अलावा छोटे-मोटे घरेलू कचरे को भी इसमें डाल दिया जाता है मेडिकल कचरे को भी इसमें डाल दिया जाता है सुनील कुमार बताते हैं एक तरफ बिहार सरकार द्वारा जल जीवन हरियाली योजना चलाई जा रहे हैं उसके बावजूद भी मोरह नदी समाप्ति के कगार पर है चुनाव आते हैं राजनीतिक पार्टी अपने-अपने उपलब्धि गिनाने में में लग जाते हैं लेकिन सच्चाई कुछ और है
जिला प्रशासन से प्रेस के माध्यम से संज्ञान लेने को अनुरोध किया