जिले के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान में मरीजों की जान से खिलवाड़ का सिलसिला थम नहीं रहा है। ताजा मामले में शुक्रवार को इमरजेंसी में ब्लड इंफ्यूजन के लिए आए एक मरीज के जान के साथ खिलवाड़ किया गया। दरअसल
सदर अस्पताल में इंजेक्शन देने की ट्रेनिंग ले रही जीएनएम स्कूल की एक ट्रेनी छात्रा को ब्लड चढ़ाने का जिम्मा सौंप दिया गया। जैसे ही उक्त ट्रेनी ने मरीज को ब्लड चढ़ाने के लिए इंजेक्शन नस में लगाई तो खून की कमी से जूझ रहे मरीज के शरीर से खून का फब्बारा बहने लगा
। ट्रेनी नर्स को मरीज के हाथ में नस लाख खोजने के बाद भी नहीं मिला और खून बहने का सिलसिला लगातार जारी रहा। मरीज की हालत खराब होता देख परिजनों ने इसकी शिकायत वार्ड इंचार्ज से किया तो उसने उल्टे मरीज के परिजनों से बदसूलकी कर हालात को बेहद गंभीर स्सिति में पहुंचा दिया।
जब वार्ड इंचार्ज पुष्पा कुमारी से मरीज बार-बार आग्रह करने लगे तो उसने फिर परिजनों को डांटकर कहा कि यह काम उसका नहीं है।
फिर काफी आरजू िमन्नत के बाद एक दूसरे नर्स द्वारा मरीज को ब्लड चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की तब जाकर हालात को नियंत्रण में किया जा सका।
दरअसल जिले के हुलासगंज प्रखंड के केउला गांव निवासी सतीश शर्मा को बवासीर का ऑपरेशन होना था। लेकिन ब्लड की कमी के कारण उन्हें रक्त चढ़ाने की जरूरत पड़ रही थी।
ब्लड बैंक से रक्त की व्यवस्था भी कर ली गई लेकिन यहां स्वास्थ्य कर्मी लापरवाही के हद पार करते हुए मरीज को जान लेने पर तुले रहे। शिकायत पर गैस संचारी रोग पदाधिकारी डॉ अजय कुमार भी वार्ड में आए।
उन्होंने जनरल वार्ड के इंचार्ज पुष्पा कुमारी को फटकार फटकार लगाई लेकिन उसके रवैये में कोई खास सुधार नहीं देखा गया। इधर इस संबंध में सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. प्रमोद कुमार ने बताया कि यह घोर लापरवाही का मामला है। जनरल वार्ड इंचार्ज पुष्पा कुमारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है।